भारत का इतिहास (सिन्धुसभ्यता)


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                                                                     भारत का इतिहास
सिन्धु सभ्यता

सिन्धु सभ्यता दजला, फरात, सुमेरियन, व नील घाटी सभ्यता के समकालीन थी |

सिन्धू सभ्यता का काल –
1.        जॉन मार्शल के अनुसार – 3250 ईसा पूर्व से 2750 ईसा पूर्व |
2.        रेडियो कार्बन c-14 पद्धति के अनुसार 2300 ईसा पूर्व से 1750 ईसा पूर्व |

सिन्धु सभ्यता की विशेषताएँ :-

v  सिन्धू सभ्यता नगरिय सभ्यता थी |
v  सिन्धु सभ्यता की विशेषता जल निकासी व्यवस्था थी |
v  सिन्धु सभ्यता को सर्व प्रथम हड्डपा नामक स्थान पर खोजा गया | इसी कारण जॉन मार्शल ने इसे हड्डपा सभ्यता कहा |
v  स्टुअर्ट पिग्गट ने मोहन जोदड़ो व हड्डपा को विशाल साम्राज्य की जुड़वाँ राजधानिया बताया |
v  सिन्धू वासी द्रविड़ जाति के लोग थे |
v  सिन्धु सभ्यता में परिवार मातृसत्तात्मक थे |
v  सिन्धु वासी मातृदेवी की पूजा करते थे व गाय से अपरिचित थे |
v  सिन्धु वासियों ने सर्वप्रथम कपास की खेती की |
v  सिन्धुवासी सूत कातने व कपडे बुनने वाले संसार के प्रथम लोग थे |
v  सिन्धुवासीयों का प्रमुख व्यवसाय –
1.        व्यापार  2. कृषि  3. पशुपालन
v  सिन्धुवासी पशुपति की पूजा, योनी पूजा, सूर्य पूजा, वृक्ष पूजा, एवं नदी पूजा करते थे |
v  सिन्धुवासियो के मृत्यु के समय तीन प्रकार से अंतिम संस्कार किया जाता था |
1.        पूर्ण समाधी   2. आंशिक समाधी   3. दाहकर्म
v  सिन्धुसभ्यता में खोपड़ी की चिकित्सा के उदाहरण –“लोथल व कालीबंगा” से मिले हैं |
v  सिन्धुवासी घोड़े तथा तलवार से परिचित नहीं थे |
v  सिन्धुवासियो की लिपि “भाव चित्रात्मक” थी, जिसे दांयी से बांयी और लिखा जाता था |
v  सिन्धुवासी मिठास के लिए शहद का प्रयोग करते थे |
v  सिन्धू सभ्यता में मंदिरों के अवशेष नहीं मिले हैं |
v  सिन्धू सभ्यता में ईट की लम्बाई, चौड़ाई, ऊंचाई 4:2:1 के अनुपात में थी |
v  सिन्धू सभ्यता ताम्र युगीन सभ्यता थी |
v  सिन्धूवासी कांसे के बर्तन बनाते थे |
v  ताम्बे का आयात खेतड़ी (राजस्थान) से होता था |
v  टिन का आयात अफगानिस्तान से होता था |
v  सिन्धु सभ्यता का पश्चिमी सिरा –सत्कागेडोर (पाकिस्तान), पूर्व सिरा – आलमगीरपुर (मेरठ), उतरी सिरा- मांडा (जम्मू व कश्मीर) व दक्षिणी सिरा – अहमदनगर (दाईमाबाद) |
v  सिन्धुसभ्यता की आकृति त्रिभुजाकार थी |
v  स्वास्तिक चिन्ह सिन्धु सभ्यता की देन हैं |
v  सिन्धु सभ्यता का अध्ययन “आध्य इतिहास” में किया जाता हैं |
v  सिन्धुवासी वस्तुओ का आदान – प्रदान “वस्तु विनिमय” के द्वारा होता था |
v  इनका प्रमुख खेल पासा होता था |
v  इनकी मुहरे पश्चिमी एशिया व मिश्र में मिली हैं |
v  इनकी लिपि की जानकारी मुहरो से मिलती हैं |
v  इस सभ्यता में सर्वाधिक वर्गाकार मुद्राए मिली हैं |
v  इसका प्रमुख व्यापारिक बंदरगाह लोथल था , जो कि भोगवा नदी के किनारे हैं |
v  सिन्धु सभ्यता के लोग बत्तख को पवित्र मानते थे |

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